शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के प्रकार

शेयर मार्केट से प्रॉफिट कमाने के बहुत से तरीके है। इसलिए हर दिन लाखों लोग शेयर मार्केट में आते और प्रॉफिट कमाते है। यहाँ से पैसा कमाना बहुत मज़ेदार होता है। एक सफल ट्रेडर मिनटों में प्रॉफिट बुक करके चाय की चुस्की लेता है। 

 

आज सोशल मीडिया के कारण इसका क्रेज़ युवा वर्ग में तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन नॉलेज की तलाश में वह इंटरनेट पर भटक रहे है। लेकिन यहाँ आपकी तलाश पूरी हुई क्यूंकि हम आपकी पूरी मदद करने वाले है। यहाँ से ट्रेडिंग और शेयर मार्केट के बारे में बेसिक से स्टेप वाइज बताया जा रहा है। आज इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के प्रकार (Type of trading) को बताया जाएगा। जिससे आप अपने लिए बेस्ट ट्रेडिंग मेथड को चुन सकते।

 

ट्रेडिंग के प्रकार (Type of trading)

 

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या होता है ? 

शेयर मार्केट में कंपनी के शेयर की खरीद-बिक्री होती है। कंपनी के शेयर को कम में ख़रीद कर ज्यादा भाव में बेचना ही व्यापार या ट्रैड कहलाता है। 


यह सारा काम ऑनलाइन होता है, इसी कारण आप घर बैठे-बैठे यह ट्रैड कर सकते है। इसके लिए आपके पास एक डीमेट एकाउंट होना चाहिए। 



ट्रेडिंग के प्रकार (Type of trading)

व्यापार में प्रॉफिट कमाने का कई तरीक़ा होता है। शेयर मार्केट में भी प्रॉफिट कमाने का कई तरीका है। सभी ट्रेडर प्रॉफिट के लिए अलग-अलग तरीका अपनाते है। आज हम कुछ पॉपुलर तरीकों को जानेंगे। इसमें से जो आपको ठीक लगेगा आप उसे अपना सकते है। ट्रेड के प्रमुख प्रकार:

  • इंट्राडे ट्रेडिंग
  • BTST ट्रेडिंग 
  • स्विंग ट्रेडिंग 
  • पोजिशनल ट्रेडिंग 
  • ऑप्शन ट्रेडिंग 
  • लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग


इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है?

इसे डे (Day) ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इंट्राडे ट्रैड सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 के बीच होता है। इसी बीच आपको शेयर खरीदना और बेचना पड़ता है। यदि आप शेयर खरीद कर भूल जाते है, तो आपका ब्रोकर 3:30 pm से पहले शेयर बेच देगा।  


इसमें आपको ज्यादा फायदा होता है क्यूंकि इसमें ब्रोकर आपको लिवरेज देता है। लिवरेज अलग-अलग ब्रोकर अलग-अलग देता है। लिवरेज 2 गुणा से 5 गुणा हो सकता है। यदि 5 गुणा मिलता है, तो आप ₹ 5000 का शेयर ₹ 1000 में मिल जाता है। जबकि प्रॉफिट पूरा आपका होता है।


इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको स्टॉप लॉस का सुविधा मिलता है। स्टॉप लॉस में लॉस और प्रॉफिट को कंट्रोल कर सकते है। इसे एक उदाहरण से समझते है, जैसे: राकेश 5000 रुपया इंट्राडे में लगता है। इस ट्रैड से वह 1000 का प्रॉफिट चाहता है और 500 का लॉस बर्दाश्त कर सकता है। तो वह 6000 और 4500 का स्टॉप लॉस लगा देता है। वह अन्य काम पर चला जाता है। अब ट्रैड ऑटोमेटिक काम करेगा। यदि शेयर 6000 हो जाता है तो ऑटोमेटिक ट्रैड बंद हो जाएगा। यहीं काम लॉस के समय भी होता है। यदि शेयर 4500 पर आ जाए तो ट्रैड रुक जाता है। यहाँ आप अपना प्रॉफिट और लॉस खुद डिसाइड कर सकते है। 


इसे सिखने के लिए आपको चार्ट एनालिसिस करना सीखना पड़ता है। इसमें काफ़ी रिस्क होता है। यदि आपका डिसीजन गलत हुआ, तो आप लॉस में जा सकते है। इसमें काफी क्विक डिसीजन लेना पड़ता है। 


BTST ट्रेडिंग क्या होता है?

BTST का फुल फॉर्म बाय टुडे सेल टुमॉरो (Buy Today Sell Tomorrow). जैसे की नाम से पता चल रहा है। इसमें आज शेयर ख़रीद कर अगले दिन प्रॉफिट होने पर बेच दिया जाता है। यह न्यूज़ आधारित ज्यादा होता है। एक पोसेटिव न्यूज़ शेयर होल्डर को काफी मुनाफ़ा दे सकता है। 

 

लेकिन इसमें लॉस का खतरा भी बराबर होता है। लॉस से बचने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस जरूर करना चाहिए। टेक्निकल एनालिसिस प्रॉफिट और लॉस से बचने के लिए जरूर करना चाहिए। 


स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है?

यह इंट्राडे से कम रिस्की होता है क्यूंकि इसमें समय का कोई लिमिट नहीं होता है। इसमें ट्रेडर एक टारगेट लेकर ट्रैड करता है। टारगेट जब हिट होता है, वह शेयर बेच कर प्रॉफिट कमा लेता है। यह टारगेट एक, दो, पांच या दस दिन में हिट हो सकता है। 

 

उदाहरण: धनिया 5000 को 6500 बनाना चाहती है। वह अच्छा एनालिसिस करने के बाद 5000 का शेयर खरीदती है। सात दिन बाद उसे शेयर की क़ीमत 6200 मिलता है। वह 6200 में शेयर बेचना ठीक समझती है। उसे सात दिन में 1200 का फायदा हो जाता है। 

 

स्विंग ट्रेडिंग तब रिस्की हो जाता है, जब कंपनी के बारे नेगेटिव न्यूज़ आ जाता है। नेगेटीव न्यूज़ से कंपनी का शेयर धड़ाम हो जाता है। आपका कोई स्टेटेजी काम नहीं करता और आपका प्लान फ़ैल हो जाता है।  

 

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है?

 

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

यह तरीका स्विंग ट्रेडिंग से थोड़ा बड़ा है। इसमें शेयर कुछ दिन के लिए नहीं, बल्कि कुछ महीनों के लिए ख़रीदा जाता है। इसके लिए आपको कंपनी का फंडामेंटल और चार्ट दोनों का एनालिसिस करना पड़ता है। पोजिशनल ट्रेडरशेयर बेचने का सही समय देख कर ही उसे खरीदते है। 


2024 का इलेक्शन इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। क्यूंकि इस सरकार ने कई फील्ड में अच्छा ग्रोथ किया है, जिससे सम्बंधित कंपनी के शेयर में भी काफी ग्रोथ हुआ। यदि फिर से मोदी सरकार जीत जाती है, तो कंपनी शेयर की कीमत आसमान छूने वाली है। इसी कारण कई लोग शेयर खरीद कर चुनाव का परिणाम का इंतजार कर रहे है। शेयर का सही पोजीसन देख कर ट्रेडर शेयर बेच देते है। आशा है Positional trading kya hota hai? का उत्तर मिल गया।


ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है?

ऑप्शन ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। इसमें हम शेयर के एक बण्डल को थोड़ा पैसा दे कर बुक करते है। बुकिंग एक निश्चित समय के लिए होता है। यदि शेयर की क़ीमत बढ़ जाती है, तो बुकिंग करने वाले को पूरा प्रॉफिट मिलता है। यदि शेयर की क़ीमत नहीं बढ़ती है, तो बुकिंग का सारा पैसा डूब जाता है। 


उदाहरण के लिए: चमन एक 50000 रुपय की कीमत का शेयर बण्डल 5000 रुपय में बुक करता है। बुकिंग 30 दिन के लिए होता है। बुकिंग के 14वें दिन शेयर बण्डल की क़ीमत 80000 की हो जाती है। इससे चमन को 25000 रुपय का फ़ायदा हो जाता है। (यदि शेयर बण्डल की क़ीमत 45000 हो जाती तो आपको तो बुकिंग मनी 5000 का लॉस होगा। )


लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग क्या होता है?

इसमें पूंजी और लाभ कई गुणा तक हो सकता है क्यूंकि इसमें लम्बे समय तक रुक कर इंतिजार किया जाता है। इसे इन्वेस्टमेंट उदहारण के लिए यदि कोई जनवरी 2009 में SENSEX पर 5 लाख लगा देता, तो आज 2024 में उसका पैसा 45 लाख का हो जाता। 15 साल में पैसा 8 से 9 गुना हो गया।  

 

लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट के लिए आपको कंपनी का फंडामेंटल, प्रोडक्ट, प्रोडक्ट की दूरदर्शिता, कॉम्पिटिटर इत्यादि को  एनालिसिस करना पड़ता है।   


अंतिम शब्द 

ऊपर बताये गए ट्रेडिंग के छः तरीकों को सबसे सिंपल भाषा में समझाने का प्रयास हुआ। ट्रेडिंग के नए-नए तरीके बनते रहते है। आप भी अपना तरीका बना सकते है। लेकिन यह छह तरीक़े काफी ज्यादा उपयोग किये जाते है। लोग शुरू इंट्राडे से करते है और फिर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर आते है। 


आपको भी सब ट्राय करना चाहिए, फिर जो ठीक लगे उसमें प्रैक्टिस और नॉलेज इकठ्ठा करना चाहिए। ट्रेडिंग वास्तव में एक माइंड गेम है। यहाँ असली व्यापार सायकोलॉजी का होता है। शुरुवाती दिनों में आपका ज्यादा फोकस अपना पूंजी बचाने में होना चाहिए। प्रॉफिट कमाना आप खुद सीख जायेंगे। 

 

आशा है आपने आज ट्रेडिंग के प्रकार (Type of trading) को जाना और अब आपको सही फैसला लेने में थोड़ी सुविधा होगी। बाकि मन में कोई सवाल हो तो कमेंट में पूछ सकते है।

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